पाकिस्तानी वैज्ञानिक ने नेता की लगाई फटकार, भारत के वैज्ञानिक की तरीफ


नई दिल्ली: शनिवार की रात में, जब भारत ऐतिहासिक क्षणों को देखने के लिए अपनी टेलीविज़न स्क्रीन के सामने बैठी सांसों के साथ इंतजार कर रहा था, चंद्रयान -2 का विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी ऊपर incommunicado में चला गया। कर्कश आवाज के साथ, इसरो के निदेशक के सिवन ने घोषणा की कि विक्रम लैंडर पृथ्वी के साथ संपर्क खो गया और खाली हो गया, अपनी निर्धारित नरम लैंडिंग से सिर्फ तीन मिनट पहले।

विडंबना यह है कि यह पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी थे, जिन्होंने इसरो द्वारा अपने विक्रम लैंडर के साथ संपर्क खो देने के बाद हैशटैग "इंडिया फेल" का उपयोग करते हुए कई ट्वीट्स किए। विट्रियॉलिक ट्वीट्स की श्रृंखला में, चौधरी ने IAF विंग कमांडर अभिनंदन के इस्लामाबाद द्वारा कब्जा करने और छोड़ने पर भी हंगामा किया।
पाकिस्तान को उटाने की जरूरत है----

अब पाकिस्तानी अंतरिक्ष यात्री नमीरा सलीम ,विज्ञान मंत्री फवाद चौधरी और पाकिस्तान के वैज्ञानिक पूर्व में प्रौद्योगिकी मंत्री रह चुके डॉक्टर अता-उर-रहमान ने देश के नेताओं और सेना के प्रवक्‍ता को लताड़ लगाते हुए कहा कि इस्लामाबाद को इसरो से सीखना चाहिए।

डॉ अता उर रहमान ने टेलीविजन चैनल से कहा कि भारत के चंद्रयान मिशन 2 से पाकिस्तान को जागने की जरूरत है और कहा कि भारत के चंद्रयान मिशन को असफल नही कहा जा सकता है और क्योंकि कई तकनीक वाले देशों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ था और कहा कि सफल और असफल होना इसका हिस्सा है जोकि अंतिम समय तक प्रयास जेरी रखता है वही सफल हो सकता है।

उन्होंने कहा कि हर देश मे मिशन किए जाते हैं उनके भी कॉफी संख्या में मिशन सफल होते है और काफी संख्या में असफल भी होते होंगें। उन्होनें कहा कि इस तरह के मिशन में काफी पैसा लगाना ठीक नही होता क्योंकि यह सही दृष्टिकोण नही है इसमें रक्षा और उद्योगों पर भी प्रभाव पड़ता है।

परीक्षण से तकनीक का विकाश --
रहमान ने कहा कि हमें भी मंगल और चांद पर जाने के लिए हमें उन से सीख लेनी चाहिए और हमें चांद पर जाने कि कोशिशें सिर्फ इसलिए नही क्योंकि हम भारत की बराबरी करना चाहते है। बल्कि ऐसे परिक्षणों से तकनीक का विकाश होता है जिससे हमारे देश में रक्षा और उद्योग के क्षेत्रों को मजबूती मिलेगी।

रहमान ने कहा, "इस तरह के मिशनों में से आधे से भी अधिक उन्नत और विकसित देश विफल हो गए हैं और केवल आधे सफल हुए हैं।" रहमान ने कहा कि इस तरह के मिशनों में बहुत सारा पैसा शामिल है, यह सही तरीका नहीं है, क्योंकि इस तरह के प्रयासों का असर रक्षा और उद्योगों पर भी पड़ता है।

रहमान ने कहा, "भारत सही काम कर रहा है और हमें चंद्रमा और मंगल तक पहुंचने के लिए इसका पालन करना चाहिए।"

रहमान ने कहा कि चंद्रमा तक पहुँचने का प्रयास अहंकार से प्रेरित नहीं होना चाहिए, भारत के साथ बराबरी पर होना चाहिए, लेकिन ऐसे मिशनों को आगे बढ़ाने से कई प्रौद्योगिकियों में सुधार होगा जो पाकिस्तान की रक्षा और उद्योगों को मजबूत करेगा।

चंद्रयान पर पाकिस्तान द्वारा की जा रही टिप्पणी पर रामविलास पासवान ने जवाब देते हुए कहा कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि हमारे पड़ोसी, देश के जो दुश्मन है वो इस मिशन से परेशान हैं और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के मंत्री बौखला गए हैं और उन्हें जो कहना है कहते रहें उन्होंने कहा चंद्रयान-2 पूरी तरह से सफल मिशन है और हमारे वैज्ञानिक चंद्रमा की सतह के करीब पहुंच गए हैं। पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री एक सच्चे नेता हैं। चाहे जो भी हो वो अपने लोगों के साथ हरदम खड़े रहते हैं। विदेश दौरे से लौटने के तुरंत बाद मोदी जी इसरो पहुंचे और हमारे वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ाया।

दरअसल, रामविलास पासवान का ये बयान पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी की टिप्पणी के बाद आया, जिसमें उन्होंने चंद्रयान- 2 का मजाक उड़ाते हुए उसे खिलौना बताया था। इससे पहले एक ट्वीट में चौधरी ने कहा था कि भारत अंतरिक्ष मलबे को बढ़ा रहा है। पहले मिशन शक्ति और अब चंद्रयान विफल रहा।

posted By : Anana Pandey