जानिए दिपवली का अर्थ क्या होता है, कीजिए ये उपाय बरसेगी मां लक्ष्मी का कृपा

नई दिल्ली:  'दीपवाली' का त्योहार खुशियों का त्योहार है। इस दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन पूरे घर को सजाया जाता है।



इसमें  घर के मुख्य दरवाजे को सजाने का विशेष महत्व है। लोगों का कहनें है कि मुख्य दरवाजे से ही दिवाली के दिन घर में मां लक्ष्मी प्रवेश करती हैं।क्या आप जानते है कि 'दिवाली' का अर्थ क्या होता है, दरअसल दिवाली' संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है और वो दो शब्द हैं 'दीप' अर्थात 'दीपक' और 'आवली' अर्थात 'लाइन' या 'श्रृंखला' जिसका मतलब हुआ 'दीपकों की श्रृंखला'।


हम आपको बता दें कि इस दिन मुख्य दरवाजे को कैसा सजाया जाए जिससे कि मां लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर बरस सके..


मुख्य दरवाजे पर चांदी का स्वास्तिक लगाने का विशेष महत्व है। चांदी का स्वास्तिक सभी तरह की नकरात्मक ऊर्जा को घर से दूर करता है जिससे घर का माहौल सकरात्मक होता है। अगर आपके पास चांदी का स्वास्तिक नहीं है तो आप रोली का स्वास्तिक भी बना सकते हैं। मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर को सजाना चाहिए दिवाली पर मां लक्ष्मी घर के मुख्य दरवाजे से ही प्रवेश करती हैं इसलिए मुख्य दरवाजे पर मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए तोरण बनाना चाहिए। घर को सजाने के लिए   आम और केले के पत्ते को शुभ माना जाता है। वैसे अगर आप चाहें तो फूलों से भीघर को सजा सकते हैं।


मां लक्ष्मी के पैर... 
मुख्य दरवाजे पर मां लक्ष्मी के पैरों के चिन्ह को लगाना चाहिए। पैरों के चिन्ह लगाते समय यह ध्यान रखें कि ये निशान घर के अंदर की तरफ हो जैसे मां लक्ष्मी घर में प्रवेश कर रही हों। साथ ही दरवाजे पर एक बर्तन में साफ पानी भरकर रखना चाहिए। पानी को सुंगधित बनाने के लिए उसमें फूलों को भी डाल देना चाहिए।


दरवाजे के दोनों तरफ कलश रखें' दरवाजे के दोनों तरफ कलश रखें, कलश में पानी भरा होना चाहिए।


कलश रखते समय यह ध्यान दें कि एक कलश उत्तर दिशा कि तरफ हो जब कि दूसरा कलश पूर्व दिशा की ओर हो। दिवाली में इस तरह से कलश रखने से लाभ मिलता है साथ ही धन लाभ के भी योग बनते हैं।


7 वीं शताब्दी के संस्कृत नाटक नागनंद में राजा हर्ष ने इसे दीपप्रतिपादुत्सव: कहा है जिसमें दीये जलाये जाते थे और नव दुल्हन और दूल्हे को तोहफे दिए जाते थे। फारसी यात्री और इतिहासकार अल बरूनी, ने 11 वीं सदी के संस्मरण में, दीवाली को कार्तिक महीने में नये चंद्रमा के दिन पर हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार कहा है।


जैन धर्म के लोग इसे महावीर के 'मोक्ष दिवस' के रूप में मनाते हैं तथा सिख समुदाय इसे बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है। कई लोग दीपावली को 14 साल के वनवास पश्चात भगवान राम, मां सीता और उनके भाई लक्ष्मण की वापसी के सम्मान के रूप में मानते हैं। दीपावली को नेपाल में भी मनाया जाता है। नेपालियों के लिए यह त्योहार इसलिए महान है क्योंकि इस दिन से नेपाल संवत में नया वर्ष शुरू होता है।


 


Posted by - Anand Pandey