नई दिल्ली : सूत्रों के मुताबिक भारतीय सैनिक पेट्रोलिंग पर थे उसी दौरान उनका सामना चीन के पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के सैनिकों के साथ हो गया।
ईस्टर्न लद्दाख में सभी हथियारों और सेवाओं की एकीकृत टुकड़ी के अभ्यास को देखने मंगलवार को उत्तरी कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल रनबीर सिंह भी पहुंचे। उनके साथ फास्ट एंड फरी कोर के जीओसी वाई के जोशी भी थे। इस युद्धाभ्यास में सेना ने टैंक, आर्टिलरी सहित पैराट्रूपर्स और अन्य विशेष प्लान के साथ यह अभ्यास किया।
पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच बुधवार को भारत और चीन के सैनिक भी पूर्वी लद्दाख में आपस में भिड़ गए. सूत्रों के मुताबिक भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच काफ़ी देर तक धक्का-मुक्की होती रही. घटना 134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर हुई जिसके एक तिहाई हिस्से पर चीन का नियंत्रण है. सूत्रों के मुताबिक भारतीय सैनिक पेट्रोलिंग पर थे उसी दौरान उनका सामना चीन के पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के सैनिकों के साथ हो गया. चीनी सैनिक उस जगह पर भारतीय सैनिकों की मौजूदगी का विरोध करने लगे. जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच धक्का मुक्की शुरू हो गई।
दुश्मन से लड़ने के लिए सेना से की गई तैयारियों और उपलब्ध हथियारों को देखकर GOC ने कहा कि उन्हें उम्मीद हैं कि उत्तरी कोर युद्ध में उत्कृष्टता की विरासत को आगे भी जारी रखेगी।
लद्दाख में सेना चुनौतीपूर्ण हालात में काम कर रही है। एक ओर सियाचिन ग्लेशियर में पाक के सामने सीना ताने खड़ी है तो दूसरी तरफ चीन की चुनौतियों का सामना कर रही है।
गत दिनों लेह की पैंगोंग झील में भारतीय इलाके में चीन सैनिकों की घुसने की कोशिश को सेना ने नाकाम कर दिया था। ऐसे में मंगलवार को थलसेना अध्यक्ष ने सेना की चौदह कोर के जीओसी और फील्ड कमांडरों के साथ बैठक कर क्षेत्र के हालात का भी जायजा लिया।
Posted by - Anand Pandey