CM Yogi ने दी चेतावनी- सड़क किनारे मुर्गे-बकरे काटने वाली दुकानें खुली मिलीं तो DM-SP होंगे जिम्मेदार!

नई दिल्सली : सड़क किनारे दुकान खोलकर मुर्गे और बकरे काटे जा रहे हैं. ऐसे दुकानदार संक्रमण फैला रहे हैं.



इससे लोग बीमार हो रहे हैं. इस तरह की दुकानों पर प्रतिबंध लगाया जाए. यह कहना है यूपी (UP) के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) का. सड़क किनारे चल रहीं मीट की दुकानों को लेकर सीएम योगी सख्त हैं. ऐसा होने पर उन्होंने संबंधित ज़िले के डीएम (DM) और एसपी (SP) के खिलाफ कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं. लखनऊ में हुई एक बैठक में अधिकारियों को ये निर्देश दिए गए हैं. यह जानकारी सीएम योगी के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने दी.


सीएम योगी का कहना है कि प्रदेश में अवैध बूचड़खाने पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं. इसके बावजूद कई जिलों में बूचड़खाने चलने की शिकायतें मिल रही हैं. उन्होंने कहा कि अवैध बूचड़खाने का मतलब बड़े स्लाटर हाउस ही नहीं, बल्कि बाजारों में सड़क किनारे खुलेआम कट रहे मुर्गा और बकरे की दुकानों से भी है. उनका कहना था कि इस पर भी प्रतिबंध लगाया जाए. इससे संक्रमण फैलता है, जो लोगों को बीमार कर रहा है. अगर सड़क किनारे खुलेआम मुर्गा और बकरा कटने की दुकानें दिखी तो संबंधित जिले के डीएम और एसपी की सामूहिक जिम्मेदारी तय होगी और इस पर कार्रवाई भी की जाएगी.


अवैध बूचड़खानों के खिलाफ यूपी में चल चुका है अभियान


सीएम योगी आदित्यनाथ के यूपी में सत्ता संभालते ही अवैध बूचड़खानों के लिए खिलाफ अभियान चलाया गया था. गैरलाइसेंसी और खुले में चलने वाले बूचड़खानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई थी. रिटेल में मीट बेचने वाले दुकानदारों को भी निर्देश दिया गया था कि वह लाइसेंसी बूचड़खाने से ही मीट खरीदकर बेचें. साथ ही दुकान पर पशु को न काटें. ऐसे दुकानों को परदे या फिर चटाई से ढक कर मीट बेचने का फरमान जारी हुआ था. सख्ती के साथ इसका पालन कराया गया था, लेकिन एक बार फिर से इस तरह की दुकानें शुरू हो गई हैं.


आप को बता दें कि बस्ती जिले के बभानान क्षेत्र मे ऐसा ही कुछ चल रहा है और वहॉ पर स्कूल ,कॉलेज और एक प्राचीन मंदिर भी है और वहॉ के लोगों का कहना कि यहॉ पर अवैध बूचड़खाने बदं करें और यहॉ पर दुर्घटना का संभावना रहता है । इसकी मांग के लिए वहॉ के लोगों ने CM के पास विज्ञापन भी दिया था । लेकिन वहां पर अभी भी कुछ नही हुआ ।


  


Posted by - Anand Pandey