आज समाज सेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा जी ने सूबें लगातार घट रही हत्य की घटनाओं को जंगलराज बताते हुए कमलेश तिवारी हत्याकांड के पीछे
सरकार को भी जिम्मेदार बताते हुए कहा कि यदि श्री तिवारी की सुरक्षा न हटती तो आज यह घटना न घटती अब भी सरकार परिवार के आरोपों की जांच नही करा रही है फलतः भले ही सरकार की जांच ऐजेंसियां हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष स्व.कमलेश तिवारी जिन्होंने श्रीराम जन्मभूमि का केस लडने हेतु अपना जमीन तक बेंच दिया ऐसे त्याग व समर्पण के प्रतिमूर्ति की हत्या का रहस्य सुलझाने का दावा कर सी.सी.टी.वी.कैमरे से मिलते जुलते लोगों की गिरफ्तारी कर घटना के तार सूरत से दुबई तक जोड रही हैं पर वहीं यह यक्ष प्रश्न भी खडा होता है कि जब मारने वाले लोग गार्ड से पूंछ कर गये व उन्हे जलपान कराया गया तो फिर उन चेहरों को पहचानने वाले लोग हैं फिर मिलते जुलते लोग क्यों,स्वंम कमलेश तिवारी जी व उनके वकील सुरक्षा की मांग करते रहे अपनी हत्या का अंदेशा जताते रहे फिर भी सुरक्षा क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई जबकि गुजरात एटीएस ने भी आई.एस.आई.संगठनों द्वारा कमलेश तिवारी के हत्या की शाजिस का खुलासा किया था,सूबे की योगी सरकार की पुलिस ने जिस तरह लाज शर्म की सारी हदें पार कर उनकी पत्नी को धक्का दिया लोगों पर लाठीचार्ज किया क्या वो सरकार के विरुद्ध उठने वाली आवाज को दबाने के लिए किया गया यदि नहीं तो उन पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाही कब,सूबे की पूर्व अखिलेश सरकार ने भडकाऊ भाषण के आधार पर कमलेश तिवारी पर रासुका लगाते हुए जेल में तो डाला पर श्री तिवारी का गला काटने पर ईनाम की घोषणा करने वालों पर कार्यवाही क्युं नहीं की माना अखिलेश आजमवादी थे पर हिन्दूवादी योगी ने कार्यवाही क्यों नहीं किया उपर से किस आधार पर सुरक्षा व्यवस्था हटाने घटाने का काम किया कारण कब स्पष्ट होगा,क्या घटना की जांच महज चार साल पूर्व के वीडियो के ही आधार पर होगा प्रत्यक्षदर्शियों, स्थानीय लोगों व परिवार के बयान का कोई मतलब नहीं यदि स्थानीय लोगों व परिवार का बयान महत्वपूर्ण है तो भाजपा नेता शिवकुमार गुप्ता की गिरफ्तारी कब जिस शिवकुमार गुप्ता ने दस दिन पूर्व जान से मारने की धमकी दी जिसका विवाद तिवारी जी से रामजानकी मंदिर विवाद को लेकर था जिसे बार बार कमलेश तिवारी की मां अपराधी करार दे रही है उसकी गिरफ्तारी कर उसकी गतिविधियों की जांच क्यु़ं नहीं ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो सरकार सरकार की कार्यप्रणाली व जांच ऐजेंसियों की निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह खडा करते हैं वास्तव में उत्तर प्रदेश में रामराज्य की जगह हत्या राज आ गया है सूबे के मुखिया कानून व्यवस्था सम्हालनें में पूर्णतः विफल है ऐसे में घटना की निष्पक्ष जांच,शिवकुमार गुप्ता की गिरफ्तारी, सुरक्षा हटाने के कारणों की जांच व सूबे में नेतृत्व परिवर्तन नितान्त आवश्यक है
Posted by -Anand Pandey