भारतीय नौसेना ने अंडमान-निकोबार के नजदीक भारतीय नौसेना अपने जलक्षेत्र में अवैध तरीके से घुसे संदिग्ध चीनी पोत को खदेड़ दिया। मीडिया खबरों के मुताबिक संदिग्ध चीनी जहाज शी यान- 1 एक अनुसंधान पोत था।
जिसकी खोज भारतीय निगरानी विमान P8- I ने किया। जिसकी खोज भारतीय निगरानी विमान पी8आई ने किया। यह जलपोत पोर्ट ब्लेयर के पास भारतीय जल क्षेत्र में कथित रूप से अनुसंधान गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। तमाम सूत्रों के अनुसार ऐसी आशंका जताई गई कि चीन इस पोत के जरिए भारतीय क्षेत्र में नौसेना की गतिविधियों की जासूसी कर सकता है। क्योंकि, चीन आक्रामक रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रहा है। सुरक्षा एजेंसियों ने जैसे ही पता लगाया कि एक चीनी पोत भारतीय विशेष आर्थिक क्षेत्र में अनुसंधान गतिविधियों को अंजाम दे रहा है वैसे ही भारतीय नौसेना सक्रिय हो गई। नौसेना ने अपने एक युद्धपोत को इसकी निगरानी के लिए भेजा।
सुरक्षा एजेंसियों ने जैसे ही पता लगाया कि एक चीनी पोत भारतीय विशेष आर्थिक क्षेत्र में अनुसंधान गतिविधियों को अंजाम दे रहा है वैसे ही भारतीय नौसेना सक्रिय हो गई।भारतीय कानून के अनुसार कोई भी विदेशी जहाज भारतीय जल क्षेत्र में किसी भी प्रकार का शोध या अन्वेषण गतिविधि को अंजाम नहीं दे सकता। इसके बाद भारतीय नौसेना के युद्धपोत ने पूरा संयम बरतते हुए चीनी अनुसंधान पोत को भारतीय जल क्षेत्र से बाहर जाने के लिए कहा। भारतीय नौसेना का आदेश पाते ही चीनी जलपोत भारत के जलक्षेत्र से बाहर भाग गया। आपको बता दें कि भारतीय नौसेना मलेशिया के पास स्थित मलक्का जलडमरूमध्य से हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करने वाले सभी चीनी जहाजों पर निरंतर निगरानी रखती है। कुछ दिनों पहले ही नौसेना के खोजी विमान पी8आई ने चीनी नौसेना के सात युद्धपोतों का पता लगाया था जो हिंद महासागर क्षेत्र में सक्रिय थे।
गौरतलब है कि भारतीय नौसेना मलेशिया के पास स्थित मलक्का जलडमरूमध्य से हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करने वाले सभी चीनी जहाजों पर निरंतर निगरानी रखती है। पहले भी नौसेना के खोजी विमान P8- I ने चीनी नौसेना के 07 युद्धपोतों की निशानदेही की थी जो हिंद महासागर क्षेत्र में सक्रिय थे।हिंद महासागर क्षेत्र में युद्धपोतों और परमाणु शक्ति युक्त पनडु्ब्बियों के गश्त को लेकर चीन बार-बार यह दलील देता है कि ये समुद्री लुटेरों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई बल का हिस्सा हैं। कभी-कभी ये जहाज भारतीय जलक्षेत्र में भी प्रवेश कर जाते हैं। लेकिन जानकारों के अनुसार, समुद्री लुटेरों के खिलाफ कभी भी पनडुब्बियां कार्रवाई नहीं करती हैं। जो चीन की चालाकियों कोदर्शाता है।