धनु राशि देवगुरु बृहस्पति की मूलत्रिकोण राशि है, और इसमें अग्नि तत्त्व की प्रधानता मानी जाती है। दिनांक 25-11-2019 को धनु राशि में चार ग्रह संयोजन होने वाले हैं।
दो या दो से अधिक ग्रहों का एक ही राशि में संयोजन अच्छा नहीं माना जाता है और इससे कुछ विपरीत परिणाम देखें जाते हैं।
भारत की कुंडली में बृहस्पति, शनि, शुक्र और केतु का संयोजन धनु राशि में होने वाला है जो की एक दुर्लभ घटना है। 29-11-2019 को चंद्र के गोचर से धनु में पंचग्रहीय संयोजना बन जाएगी जो की अच्छे परिणाम नहीं दर्शा रही है। दिनांक 25-12-2019 को धनु में में छह ग्रहों की संयोजना हो जाएगी जिसमे बृहस्पति, शनि, बुध, चंद्र, शुक्र, और केतु भाग लेंगे। इसके बाद 28-12-2019 को चंद्र के अगले गोचर साथ ही पचग्रहीय संयोजना 12-01-2020 तक रहेगी। तत्पश्चात 24-01-2020 को शनि के मकर राशि में गोचर के साथ चार ग्रह की संयोजना बनेगी जो जनवरी 2020 के अंत में समाप्त होगी।
पहले भी बना था ग्रहों का ऐसा चक्र, तब हुए थे ये परिणाम
आप को बता दें कि ये बात विदित रहे की ग्रहों की ऐसी संयोजना हमने पहले भी देखी है जिसके परिणाम अच्छे नहीं थे, 11-11-1962, के दिन भारत -चीन युद्ध ये समय भी ये स्थिति भारत की कुंडली में बनी थी। उसी प्रकार 16-12-1971, भारत-पाकिस्तान युद्ध का अंतिम दिन था जिसमे चतुर ग्रहीय संयोजना बनी थी। 17-07-1999, को भी भारत- पाकिस्तान के मध्य कारगिल युद्ध के समय भी यह स्थिति बनी थी। वैसे ही 26-12-2004, वाले दिन भारत की कुंडली में वृश्चिक राशि में तीन ग्रहों की संयोजना बनी थी।
इस बार ये मिल रहे हैं संकेत
ये बात विदित रहे की ऊपर लिखी हुई तिथियों में कुछ विपरीत घटनाएं देखी गयी थी जिसमें तीन या उससे अधिक ग्रहों की संयोजना का मामूली प्रतीत नहीं होती। इस बार धनु राशि में ये संयोजना बनने से अशांत वातावरण और युद्ध या युद्ध जैसी स्थिति अंकित कर रही है। ये बात विदित रहे की धनु राशि में अग्नि तत्त्व की प्रधानता है।
Posted by - Anand Pandey